सफलता की कहानी: कैसे एक छोटे शहर के लड़के ने बनाई बड़ी पहचान

 

अभय भुताड़ा का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर लातूर से निकलकर उन्होंने भारत के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले कार्यकारी  बनने तक का सफर तय किया है। वित्तीय वर्ष 2024 में अभय भुताड़ा सैलरी ₹241.21 करोड़ थी, जिसमें स्टॉक ऑप्शंस भी शामिल हैं। उनकी कुल संपत्ति ₹1000 करोड़ से अधिक है, जो उनकी कड़ी मेहनत, चतुराई और दूरदर्शी सोच को दर्शाती है।

अभय भुताड़ा की सफलता की नींव

अभय भुताड़ा का जन्म एक बिजनेस परिवार में हुआ था, जिससे उन्हें बचपन से ही व्यापार और वित्तीय मामलों की समझ मिली। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्हें नई तकनीकों को अपनाने और व्यवसायों को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने में गहरी रुचि थी। उन्होंने 2010 में SME फाइनेंस प्रोफेशनल के रूप में बैंक ऑफ इंडिया में काम शुरू किया और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई।

2016 में, उन्होंने TAB Capital नाम की एक डिजिटल लेंडिंग कंपनी शुरू की, जो छोटे और मध्यम व्यवसायों को वित्तीय सहायता देने पर केंद्रित थी। इस इनोवेटिव आइडिया के कारण 2019 में Poonawalla Finance ने TAB Capital का अधिग्रहण कर लिया और अभय भुताड़ा को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बनाया गया।

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Abhay Bhutada


व्यवसायिक सफलता और नया सफर

2021 में, अभय भुताड़ा ने एक बड़े वित्तीय समूह का अधिग्रहण किया और इसे Poonawalla Fincorp नाम दिया। उनकी कुशल रणनीति और लीडरशिप के कारण कंपनी का AUM ₹25,000 करोड़ और शुद्ध लाभ ₹1000 करोड़ तक पहुंच गया।

हालांकि, इतनी बड़ी सफलता के बाद भी, अभय भुताड़ा ने अपने करियर में नई चुनौतियां लेने का फैसला किया। उन्होंने Poonawalla Fincorp के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से स्वेच्छा से इस्तीफा दिया और Rising Sun Holdings के वाइस चेयरमैन बने। इस पद पर वे समूह की रणनीतियों और निवेश से जुड़े निर्णयों को देखते हैं।

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अभय भुताड़ा की संपत्ति और निवेश रणनीति

आज  अभय भुताड़ा की सैलरी और नेट वर्थ इतनी ऊंचाई पर है क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इनोवेशन और डिजिटल फाइनेंस को बढ़ावा देने में लगाई। उन्होंने हमेशा बदलते समय के साथ नई तकनीकों को अपनाने और स्मार्ट इन्वेस्टमेंट करने पर जोर दिया।

उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण उनकी दूरदर्शिता और निर्णय लेने की क्षमता है। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिससे उनकी संपत्ति लगातार बढ़ती रही।

अभय भुताड़ा फाउंडेशन: समाज सेवा में योगदान

अपनी व्यावसायिक सफलता के अलावा,अभय भुताड़ा समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। अभय भुताड़ा फाउंडेशन के माध्यम से वे शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रहे हैं।

उनकी फाउंडेशन का ‘Learn by Doing’ कार्यक्रम पुणे के वंचित बच्चों को STEM किट्स प्रदान करता है, जिसमें माइक्रोस्कोप और पेरिस्कोप जैसे वैज्ञानिक उपकरण होते हैं, ताकि बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा मिल सके।

इसके अलावा, Abhay Bhutada Scholarship Program के तहत जरूरतमंद और होनहार छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाती है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी फाउंडेशन मेडिकल कैंप, रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

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अभय भुताड़ा की विरासत

अभय भुताड़ा का सफर सिर्फ वित्तीय सफलता तक सीमित नहीं है। उनकी सोच और मेहनत ने उन्हें एक सफल उद्यमी ही नहीं, बल्कि एक समाजसेवी भी बनाया है। अभय भुताड़ा की सैलरी और उनकी संपत्ति उनके बिजनेस कौशल और मेहनत का नतीजा है, लेकिन उनका असली योगदान समाज में बदलाव लाने की उनकी सोच में है।

उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर सही सोच, मेहनत और दूरदृष्टि हो, तो सफलता की कोई सीमा नहीं होती। उनकी सफलता, निवेश रणनीति और समाज सेवा की पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।


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